Tuesday, February 07, 2023

बूझो तो जानो

धूंध-धूंध जो आप मिले

मेरा और मैं खो जाए।

प्यास बुझी है सदियों की

झरने अंदर ही हैं पाए।

केसे खुशी का इज़हार करे हम

दिल उड़ता सा जाए।

उडानों मैं ये ख्वाहिश उठी है

हम सब को संग ले जाए।

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